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बीआईए में ऋण से सम्बन्धित जानकारी मिलेगी

बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं से उद्यमियों को ऋण प्राप्त करने की संस्कृति को प्रतिस्पर्द्धात्मक करने तथा एमएसएमई प्रक्षेत्र के उद्यमियों को वित्त से संबंधित कई तरह की जानकारी सुलभ कराने के उद्देश्य से सिडबी (भारतीय लघु उद्योग बैंक) ने उद्योग से जुड़े संगठनों के क्षमता निर्माण के लिए कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत दिनांक 27 जनवरी, 2025 को सिडबी पटना कार्यालय तथा बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने एसोसिएशन प्रांगण में समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया। इससे राज्य के लघु उद्योगों को रोजगार देने व उद्यमिता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। बीआईए की ओर से अध्यक्ष श्री केपीएस केशरी तथा सिडबी की ओर से उप महाप्रबंधक श्रीमती रश्मि रंजन ने हस्ताक्षर किये।


इस अवसर पर सिडबी की महाप्रबंधक श्रीमती अनुभा प्रसाद ने कहा कि इस समझौते के तहत सिडबी बीआईए में अपना एक प्रतिनिधि् नियुक्त करेगा जो उद्यमियों को बैंकों /वित्तीय संस्थाओं से वित्त प्राप्त करने की विभिन्न प्रक्रियाओं यथा प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने, क्रेडिट रेटिंग करवाने, सरकार की विभिन्न प्रोत्साहन नीतियों के संबंध् में उद्यमियों को सहायता करेगा। इस समझौते के तहत सिडबी बीआईए को सचिवालय संचालन के लिए कुछ आवश्यक सामग्री उपलब्ध् करायेगी।
उन्होंने राज्य में सिडबी के उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दो वर्षों में राज्य में सिडबी का ऋण निवेश तीन गुणा बढ़ा है। सिडबी ने सुधा के राज्य में लगने वाले 5 इकाईयों के लिए 270 करोड़ का ऋण देने का समझौता किया है। जोखिम की वजह से बैंक ग्रीनफिल्ड ऋण देने में आगे नहीं आते, जबकि सिडबी ग्रीनफिल्ड फाइनेंसिंग को बढ़ावा दे रही है।
सिडबी की उप महाप्रबंधक श्रीमती रश्मि रंजन ने कहा कि 2 वर्ष पहले सिडबी पटना कार्यालय का नेटवर्थ 38 करोड़ था जो अब 150 करोड़ हो चुका है। उनके अनुरोध् पर सिडबी से जुड़े कुछ उद्यमियों ने अपने अनुभव सदस्यों से साझा किये।
कार्यक्रम के आरम्भ में अध्यक्ष श्री केपीएस केशरी ने सिडबी के पदाधिकारियों तथा कार्यक्रम में उपस्थित बीआईए के सदस्यों एवं पदाधिकारियों का स्वागत किया तथा अर्थ व्यवस्था में उद्योगों की भूमिका पर अपनी बातों को रखा। अपने स्वागत संबोधन में उन्होंने कहा कि सिडबी एक डेभलपमेंट बैंक है जो बैंकों, लघु वित्त बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, अल्प वित्त संस्थाओं और नये युग की फिनटेक कंपनियों के माध्यम से अन्य बैंकों की तुलना में एक से डेढ़ प्रतिशत कम दर पर ऋण उपलब्ध् कराती है। पहले सिडबी केवल टर्म लोन देती थी, लेकिन आज सिडबी टर्म लोन के साथ साथ कार्यशील पूंजी भी दे रही है।
कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों ने सिडबी की टीम के समय कुछ प्रश्न व सुझाव रखे। बिहार महिला संघ की अध्यक्षा श्रीमती उषा झा ने सूक्ष्म, लघु व कुटीर उद्योग में लगे उद्यमियों की सहायता के लिए अनुरोध् किया।
पूर्व उपाध्यक्ष श्री शिव कुमार मसकरा ने बताया कि बेगुसराय में सीडबी का शाखा नहीं है। उन्हें बताया गया कि सिडबी वर्तमान में अररिया तक शाखा स्थापित किया जा चुका है। सीडबी शीघ्र हीं बेगुसराय में भी शाखा स्थापित करेगा।
पूर्व उपाध्यक्ष श्री जी. पी. सिंह ने जानना चाहा कि सिडबी ने बियाडा के साथ MoU किया है, क्यों न उद्योग विभाग के साथ भी एक MoU करे।
स्टार्टअप फण्ड से संबंधित प्रश्न पर महाप्रबंधक महोदया ने बताया कि स्टार्टअप को शुरूआती दौर में इक्विटी लेनी चाहिए। सिडबी भेंचरऋण के माध्यम से स्टार्टअप्स को ऋण देती है। उन्होंने देहात, डिजीटल लेबर चौक जैसे स्टार्टअप्स का जिक्र किया, जिन्होंने सिडबी से वित्तपोषण लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि सिडबी उपकरणों पर 100 प्रतिशत ऋण बिना किसी जमानत (collateral) के उपलब्ध् कराती है।
महासचिव श्री अमरनाथ जयसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन में समझौता हस्ताक्षर (MoU) की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष श्री अरविन्द कुमार, पूर्व अध्यक्ष श्री अरूण अग्रवाल, पूर्व उपाध्यक्ष श्री जी.पी.सिंह व श्री सुधीर चन्द्र अग्रवाल, भेंचरपार्क के वर्तमान सदस्य सचिव श्री नरेश नंदन व पूर्व सदस्य सचिव श्री सुबोध् कुमार, श्रीमती किरण रंजन सहित बीआईए के अन्य अधिकारीगण, सदस्यगण व स्टार्टअप्स तथा प्रेस व इलेक्ट्रोनिक मीडिया की गरिमामई उपस्थिति रही।