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14 मई, 2024 को भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों के साथ बीआईए में परिचर्चा

बीआईए में भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बी.ए.आर.सी.) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में बी.ए.आर.सी. द्वारा किए गये और किए जा रहे अनुसंधन का लाभ आम नागरिकों के साथ उद्योग एवं कृषि क्षेत्रा को कैसे मिले, पर वरिष्ठ वैज्ञानिकों डा. ललित वार्ष्णेय, डा. श्री श्रीकांत गुप्ता तथा डा. सयाजी महेत्रो द्वारा विस्तृत जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर उपस्थित वैज्ञानिकों ने बताया कि बी.ए.आर.सी. मुख्य रूप से देश की सुरक्षा एवं प्रगति के लिए परमाणु शक्ति का इस्तेमाल कैसे हो इस विषय पर काम करती है। आज भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के पास सुरक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि, उद्योग तथा अन्य सभी क्षेत्रों में उपयोगी परिक्षण एवं व्यवहारिक ज्ञान उपलब्ध है। सेंटर द्वारा किए गये अनुसंधान एवं परिक्षण का उपयोग मेडिकल साइंस, पर्यावरण संरक्षण, कचरा प्रबंध्न, कृषि उत्पादन एवं इसका प्रबंधन, स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा की उपलब्धता, दूषित जल का शोधन या यूँ कहा जाय तो व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र के प्रत्येक पक्ष से जुड़ा है।
बी.ए.आर.सी. द्वारा विकसित नवाचारों की राष्ट्र सेवा में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। आइए देखें बी.ए.आर.सी. की विभिन्न तकनीकों के नवीनतम विकासों को समाज में कैसे लागू किया जा रहा है।

  • पीने के पानी का शोधन :- बी.ए.आर.सी. ने पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए कई तकनीकों का विकास किया है, जिनमें रेडियोधर्मी समस्थानिकों को दूर करने के लिए मेम्ब्रेन आधारित प्रणालियाँ शामिल हैं। ये तकनीकें विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए उपयोगी हैं जहाँ भूजल में प्राकृतिक रूप से रेडियोधर्मी तत्व पाए जाते हैं।
  • अपशिष्ट जल उपचार :- बी.ए.आर.सी. ने अपशिष्ट जल उपचार के लिए भी उन्नत तकनीकें विकसित की है। ये तकनीकें औद्योगिक और नगरपालिका के अपशिष्ट जल को साफ करने में सक्षम हैं, जिससे स्वच्छ जल संसाधनों के संरक्षण में मदद मिलती है।
  • निसर्गना बायोगैस प्रौद्योगिकी :- बी.ए.आर.सी. द्वारा विकसित एक अपशिष्ट प्रबंधन तकनीक है। यह रसोई के कचरे, कागज, घास आदि जैविक पदार्थों को संसोधित करके बायोगैस और खाद का उत्पादन करती है। यह तकनीक ‘‘कचरा शून्य लक्ष्य“ को प्राप्त करने में सहायक है और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देती है।

    ये कुछ उदाहरण है कि कैसे बी.ए.आर.सी. की नवीनतम तकनीकें भारत के समाज की बेहतरी के लिए काम कर रही है। सेंटर इच्छुक उद्योगों को टेक्नोलोजी ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करता है।
    इसके पूर्व कार्यक्रम में पधारे अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत अध्यक्ष श्री केपीएस केशरी ने किया। कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष श्री मनीष कुमार, पूर्व उपाध्यक्ष श्री अरविन्द कुमार सिंह, श्री जीपी सिंह, श्री सुधीर चन्द्र अग्रवाल, श्री निशीथ जयसवाल सहित श्री के. पी. भावसिंहका, श्री सुबोध् कुमार, श्री प्रेम कुमार, श्री अखिलेश कुमार सिंह सहित बीआईए के अन्य प्रमुख सदस्यगण उपस्थित थे। वैज्ञानिकों के टीम के साथ भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के टेक्नोलोजी ट्रांसफर तथा स्थानीय सहयोगी कंसलटेंट स्टेलेरिन वेंचर प्रा. लि. के निदेशक श्री बीएन चौबे तथा अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।